बिहार के पत्रकारों को मिलेगी ₹15,000 Monthly Pension: नीतीश कुमार का चुनाव पूर्व बड़ा कदम

By: Rebecca

On: Saturday, July 26, 2025 7:48 AM

बिहार के पत्रकारों को मिलेगी ₹15,000 Monthly Pension: नीतीश कुमार का चुनाव पूर्व बड़ा कदम
Follow Us

बिहार के पत्रकारों को मिलेगी ₹15,000 Monthly Pension: नीतीश कुमार का चुनाव पूर्व बड़ा कदम बिहार की राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार वजह है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक चौंकाने वाला लेकिन सराहनीय ऐलान। उन्होंने राज्य के पत्रकारों के लिए ₹15,000 की मासिक पेंशन योजना की घोषणा की है। यह घोषणा न सिर्फ एक सामाजिक कल्याण की दिशा में बड़ा कदम है, बल्कि आगामी चुनावों से पहले एक रणनीतिक दांव भी माना जा रहा है।

पत्रकारों को सामाजिक सुरक्षा का बड़ा तोहफा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मान देते हुए उनके लिए ₹15,000 की मासिक पेंशन योजना शुरू करने की घोषणा की है। यह योजना उन पत्रकारों के लिए है जिन्होंने लंबे समय तक पत्रकारिता की सेवा की है और अब उम्र या स्वास्थ्य कारणों से काम नहीं कर पा रहे हैं।

चुनाव से पहले भावनात्मक जुड़ाव की रणनीति

यह ऐलान ऐसे समय में आया है जब बिहार में चुनावों की आहट तेज होती जा रही है। माना जा रहा है कि यह कदम पत्रकारों और उनके परिवारों के बीच सरकार के प्रति भरोसा बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है।

कौन-कौन होंगे पात्र?

सरकार की तरफ से फिलहाल इस योजना के पात्रता मानदंडों की पूरी जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन माना जा रहा है कि यह पेंशन योजना उन्हीं पत्रकारों के लिए लागू होगी जिन्होंने बिहार में कम से कम 20 वर्षों तक पत्रकारिता की हो और किसी मान्यता प्राप्त संस्थान में काम किया हो।

पत्रकारों की वर्षों पुरानी मांग हुई पूरी

बिहार में लंबे समय से पत्रकार संगठनों द्वारा यह मांग की जा रही थी कि वरिष्ठ पत्रकारों को पेंशन दी जाए। नीतीश कुमार के इस फैसले से पत्रकार समुदाय में काफी खुशी और संतोष की भावना है।

राज्य सरकार का बढ़ता ध्यान मीडिया कर्मियों पर

इस कदम के साथ नीतीश सरकार यह संकेत दे रही है कि वह मीडिया की भूमिका को केवल आलोचक नहीं बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में मान्यता देती है। यह पहली बार नहीं है जब बिहार सरकार ने मीडिया कर्मियों के लिए कल्याणकारी योजना लाई हो।

अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण

बिहार सरकार की यह पहल पूरे देश में एक उदाहरण बन सकती है। अगर यह योजना सफल होती है, तो संभव है कि अन्य राज्य भी अपने पत्रकारों के लिए इसी तरह की पेंशन योजना शुरू करें।

राजकोष पर पड़ेगा कितना बोझ?

हालांकि सरकार ने इसकी लागत या बजट प्रावधान के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी है, लेकिन यदि हजारों पत्रकार इसके पात्र होंगे, तो राज्य के खजाने पर सालाना करोड़ों रुपये का भार पड़ेगा। फिर भी, इसे एक सकारात्मक निवेश के रूप में देखा जा रहा है।

आवेदन प्रक्रिया पर है सबकी नजर

अब सबकी नजर इस पर है कि सरकार इस योजना को लागू कैसे करेगी। आवेदन की प्रक्रिया, दस्तावेज़ों की जांच, पात्रता की पुष्टि और भुगतान की व्यवस्था—ये सभी बातें आने वाले दिनों में साफ होंगी।

राजनीतिक विरोधियों की प्रतिक्रिया

नीतीश कुमार के इस कदम की सराहना जितनी हो रही है, उतनी ही आलोचना भी हो रही है। विपक्षी दल इसे एक चुनावी स्टंट बता रहे हैं और कह रहे हैं कि चुनाव के बाद ऐसी योजनाएं अक्सर ठंडे बस्ते में चली जाती हैं।

वरिष्ठ नागरिकों की गरिमा का सम्मान

इस योजना के पीछे जो सबसे मानवीय सोच है, वह यह कि बुजुर्ग और रिटायर्ड पत्रकारों को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार मिलना चाहिए। ₹15,000 की राशि भले ही बहुत अधिक न लगे, लेकिन यह उन्हें आत्मनिर्भर और सम्मानित बनाए रखने के लिए काफी सहायक होगी।

    निष्कर्ष:

    नीतीश कुमार द्वारा की गई यह घोषणा निश्चित रूप से पत्रकारिता जगत के लिए एक ऐतिहासिक पहल है। इससे न केवल पत्रकारों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि समाज में उनकी भूमिका को भी नई मान्यता मिलेगी। हालांकि इसका समय चुनाव के ठीक पहले है, लेकिन यदि यह योजना वास्तव में लागू होती है और पत्रकारों को लाभ मिलता है, तो यह बिहार सरकार की एक दूरदर्शी नीति मानी जाएगी।

    आगामी समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस योजना को कितनी पारदर्शिता और गति के साथ लागू करती है और पत्रकार समुदाय इसका कितना लाभ उठा पाता है।

    For Feedback - feedback@example.com

    Join WhatsApp

    Join Now

    Leave a Comment