भारत की एशिया कप जीत पर पीएम Modi का पाकिस्तान पर बड़ा बयान

By: Daksh Kanojia

On: Monday, September 29, 2025 12:36 PM

भारत की एशिया कप जीत पर पीएम Modi का पाकिस्तान पर बड़ा बयान
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भारत की एशिया कप जीत पर पीएम Modi का पाकिस्तान पर बड़ा बयान भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मुकाबले हमेशा सिर्फ़ खेल तक सीमित नहीं रहते। यह दो पड़ोसी मुल्क दशकों से राजनीतिक, सैन्य और भावनात्मक तनाव के बीच जी रहे हैं, और जब भी दोनों टीमें आमने-सामने होती हैं, तो खेल मैदान एक अलग जंग का रूप ले लेता है। हाल ही में दुबई में खेले गए एशिया कप फाइनल ने इसे एक बार फिर साबित कर दिया।

इस बार की कहानी क्रिकेट से कहीं ज़्यादा राजनीति और कड़वाहट से भरी रही। भारत की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह पाकिस्तान के साथ हुए हालिया सैन्य संघर्ष का ज़िक्र किया, उसने क्रिकेट की जीत को सीधा राष्ट्रवाद से जोड़ दिया।

मोदी का ट्वीट और “ऑपरेशन सिंदूर”

फाइनल जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पहले ट्विटर) पर लिखा –
“#OperationSindoor on the games field. Outcome is the same – India wins! Congrats to our cricketers.”

यह बयान सीधे तौर पर मई में हुए भारत-पाकिस्तान के सैन्य संघर्ष की ओर इशारा कर रहा था, जिसे भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” का नाम दिया था। इस संघर्ष की वजह कश्मीर में 22 पर्यटकों की मौत बनी थी, जिसके लिए भारत ने पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया। पाकिस्तान ने इस आरोप को पूरी तरह नकार दिया।

यह टकराव चार दिन चला, जिसमें मिसाइल और ड्रोन हमलों में 70 से अधिक लोगों की मौत हुई। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर भारी नुकसान पहुँचाने का दावा किया।

मैदान में तनाव और हाथ मिलाने से इंकार

क्रिकेट का खेल अक्सर भाईचारे और खेल भावना का प्रतीक माना जाता है। लेकिन इस बार हालात बिल्कुल अलग थे। एशिया कप में भारत और पाकिस्तान तीन बार आमने-सामने हुए। तीनों ही मौकों पर भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इंकार कर दिया।

फाइनल में जब भारत ने पाकिस्तान को पाँच विकेट से हराया, तो यह तनाव और बढ़ गया। मैच के बाद भारतीय टीम ने एशिया कप की ट्रॉफ़ी लेने से मना कर दिया।

भारत की एशिया कप जीत पर पीएम Modi का पाकिस्तान पर बड़ा बयान

एशिया क्रिकेट काउंसिल और मोहसिन नक़वी विवाद

एशिया क्रिकेट काउंसिल (ACC) के प्रमुख मोहसिन नक़वी, जो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के चेयरमैन और पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं, फाइनल में ट्रॉफ़ी सौंपने के लिए मौजूद थे। लेकिन भारतीय टीम ने उनसे ट्रॉफ़ी लेने से साफ़ इंकार कर दिया।

हालांकि, व्यक्तिगत पुरस्कार जीतने वाले खिलाड़ी – तिलक वर्मा (प्लेयर ऑफ द मैच), अभिषेक शर्मा (प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट) और कुलदीप यादव (मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर) – मंच पर ज़रूर पहुँचे, लेकिन उन्होंने भी नक़वी को नज़रअंदाज़ किया।

रिपोर्ट्स के अनुसार, नक़वी इतने नाराज़ हुए कि उन्होंने खिलाड़ियों को पुरस्कार सौंपने से ही इंकार कर दिया और मंच पर खड़े होकर ताली भी नहीं बजाई।

पाकिस्तान का आरोप – “ये क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं”

पाकिस्तान टीम के कप्तान सलमान आगा ने भारतीय खिलाड़ियों के इस रवैये की आलोचना करते हुए कहा –
“आज जो भारत ने किया, वह किसी अच्छी टीम का काम नहीं है। अच्छी टीमें वही करती हैं जो हमने किया। हम मैदान में डटे रहे, अपने मेडल लिए और खेल भावना दिखाई।”

यह बयान पाकिस्तान के खिलाड़ियों और वहाँ की जनता में ग़ुस्से की झलक दिखाता है।

भारत का जवाब और आईसीसी में शिकायत की तैयारी

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव देवजीत सैकिया ने घोषणा की कि बोर्ड नवंबर में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की बैठक में इस पूरे मामले को उठाएगा और नक़वी के खिलाफ़ औपचारिक शिकायत दर्ज करेगा।

भारतीय खिलाड़ियों के इस व्यवहार को पाकिस्तान ने राजनीति से प्रेरित बताया, वहीं भारत ने इसे सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा मुद्दा माना।

राजनीति बनाम क्रिकेट – एक पुराना पैटर्न

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच अक्सर राजनीतिक संदेशों का ज़रिया बनते रहे हैं। चाहे 1999 का कारगिल युद्ध हो या 2008 का मुंबई हमला, हर बार जब दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है, उसका असर सीधे तौर पर क्रिकेट मैदान पर दिखा है।

मोदी का “ऑपरेशन सिंदूर” वाला बयान भी इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के समर्थकों ने इसे राष्ट्रीय गर्व से जोड़ा, जबकि आलोचकों का कहना है कि खेल और युद्ध को मिलाना खिलाड़ियों के साथ अन्याय है।

क्रिकेट से आगे की बात – जनता की भावनाएँ

भारत और पाकिस्तान की जनता के लिए क्रिकेट सिर्फ़ खेल नहीं है। यह उनके आत्मसम्मान, पहचान और देशभक्ति से जुड़ा है। जब भारत जीतता है तो करोड़ों भारतीय इसे पाकिस्तान पर एक “छोटी जीत” मानते हैं। वहीं पाकिस्तान की हार वहाँ के लोगों के लिए गहरी चोट बन जाती है।

इस बार की जीत और विवाद ने दोनों देशों की जनता के बीच और दूरी पैदा कर दी है।

आगे का रास्ता

भारत-पाकिस्तान रिश्तों में सुधार की संभावना वैसे ही बहुत कम रहती है। अब जब क्रिकेट भी इस राजनीतिक जंग का हिस्सा बनता जा रहा है, तो खेल की असली भावना – “मैत्री और खेल भावना” – कहीं पीछे छूटती नज़र आती है।

क्रिकेट को जोड़ने वाला खेल माना जाता है, लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच यह “अलगाव” का प्रतीक बन गया है।

निष्कर्ष

एशिया कप 2025 का फाइनल इतिहास में सिर्फ़ एक जीत-हार के रूप में नहीं याद किया जाएगा। यह मैच क्रिकेट की बजाय राजनीति, कूटनीति और राष्ट्रीय गर्व की जंग का प्रतीक बन गया है। भारत ने मैदान और बयानबाज़ी – दोनों मोर्चों पर अपनी जीत का दावा किया, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह क्रिकेट की जीत थी या राजनीति की?

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