RJD ने बगावत के खिलाफ कार्रवाई की, मौजूदा विधायकों समेत 27 नेताओं को पार्टी से निकाला

By: Rebecca

On: Tuesday, October 28, 2025 4:17 AM

RJD ने बगावत के खिलाफ कार्रवाई की, मौजूदा विधायकों समेत 27 नेताओं को पार्टी से निकाला
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बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने पार्टी के भीतर बढ़ती बगावत के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए अपने 27 नेताओं को पार्टी से निकाल दिया है। इनमें दो मौजूदा विधायक और चार पूर्व विधायक भी शामिल हैं। पार्टी का कहना है कि यह कदम संगठनात्मक अनुशासन बनाए रखने और पार्टी की एकजुटता को बचाने के लिए उठाया गया है।

बगावत पर आरजेडी का बड़ा एक्शन

आरजेडी ने अचानक इस कार्रवाई की घोषणा करके पूरे राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, ये सभी नेता पार्टी लाइन से हटकर बयानबाज़ी कर रहे थे और कुछ तो विरोधी दलों के संपर्क में भी बताए जा रहे थे। पार्टी ने साफ किया कि जो नेता संगठन की विचारधारा के खिलाफ जाएंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

मौजूदा विधायकों पर गिरी गाज

इस लिस्ट में दो मौजूदा विधायक शामिल हैं, जो हाल के दिनों में पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठा रहे थे। इन विधायकों को बार-बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन उन्होंने पार्टी अनुशासन की अनदेखी की। नतीजतन, अब उन्हें भी निष्कासन का सामना करना पड़ा है। यह कदम आरजेडी की ओर से एक सख्त संदेश है कि अनुशासन से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

चार पूर्व विधायकों को भी बाहर का रास्ता

चार पूर्व विधायक भी इस निष्कासन लिस्ट में शामिल हैं, जो पिछले कुछ महीनों से संगठन के खिलाफ लगातार बयान देते रहे। इनमें से कुछ ने खुले तौर पर पार्टी की नीतियों की आलोचना की थी और नेतृत्व परिवर्तन की मांग की थी। पार्टी का मानना ​​है कि ऐसे नेताओं को साथ रखना संगठन के लिए नुकसानदायक होता।

कुल 27 नेताओं पर कार्रवाई

आरजेडी की इस कार्रवाई में कुल 27 नेताओं को निशाना बनाया गया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि ये सभी नेता पार्टी के नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। यह संख्या बताती है कि पार्टी के भीतर असंतोष कितना गहराता जा रहा था, और अब नेतृत्व ने इसे खत्म करने के लिए निर्णायक रुख अपनाया है।

अनुशासन और एकता बनाए रखने की कोशिश

आरजेडी के सीनियर नेताओं ने कहा है कि यह कदम पार्टी को मज़बूत बनाने के लिए ज़रूरी था। उनका कहना है कि विरोधी दलों के बीच पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले नेताओं को संगठन में जगह नहीं दी जा सकती। यह कार्रवाई एक संदेश है कि पार्टी में केवल वही रहेंगे जो विचारधारा और अनुशासन का पालन करेंगे।

तेजस्वी यादव की भूमिका पर सबकी नज़र

इस पूरी कार्रवाई के पीछे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की भूमिका को अहम माना जा रहा है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि तेजस्वी लगातार अनुशासनहीनता पर नज़र रखे हुए थे और उन्होंने ही सख़्त रुख अपनाने की सलाह दी थी। उनका मानना ​​है कि अगर पार्टी को भविष्य में मज़बूत बनाना है तो अंदरूनी बगावत को तुरंत रोका जाना चाहिए।

विपक्षी दलों में मचा हलचल

आरजेडी की इस कार्रवाई के बाद विपक्षी दलों में भी हलचल मच गई है। बीजेपी और जेडीयू जैसे दल इसे “RJD की अंदरूनी कमज़ोरी” बता रहे हैं। उनका कहना है कि पार्टी में असंतोष की जड़ें गहरी हैं, और निष्कासन केवल ऊपर से की गई मरम्मत है। वहीं, आरजेडी नेताओं का कहना है कि विपक्ष सिर्फ भ्रम फैला रहा है।

पार्टी समर्थकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर आरजेडी समर्थकों की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही। कुछ लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि इससे पार्टी में अनुशासन कायम रहेगा, जबकि कुछ ने इसे “एकतरफ़ा कार्रवाई” बताया। कई पुराने कार्यकर्ताओं ने कहा कि असहमति को बगावत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

भविष्य की राजनीति पर असर

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना ​​है कि आरजेडी का यह कदम आने वाले चुनावों पर असर डाल सकता है। एक तरफ़, पार्टी अनुशासन और नेतृत्व को मज़बूत करने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर असंतुष्ट गुट नए राजनीतिक समीकरण बनाने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि निकाले गए नेता आगे क्या रुख अपनाते हैं।

आरजेडी के लिए ‘संगठनात्मक पुनर्गठन’ की शुरुआत

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह निष्कासन केवल शुरुआत है। आने वाले हफ़्तों में RJD ऑर्गनाइज़ेशनल रीस्ट्रक्चरिंग की प्रक्रिया शुरू करेगी, जिसमें ज़िला स्तर पर एक्टिव कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी। पार्टी का लक्ष्य 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने स्ट्रक्चर को मज़बूत और एकजुट बनाना है।

निष्कर्ष

RJD द्वारा 27 नेताओं का निष्कासन बिहार की राजनीति में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। यह कदम जहाँ एक तरफ पार्टी के अनुशासन को मज़बूत करेगा, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक समीकरणों में भी हलचल पैदा करेगा। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी अब एक साफ़ संदेश दे रही है — “जो साथ चलेगा, वही रहेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में यह अनुशासनात्मक कदम RJD को कितना मज़बूत करता है या पार्टी के भीतर नई चुनौतियाँ खड़ी करता है।

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