बिहार की पॉलिटिक्स हमेशा से दिलचस्प रही है। कभी गठबंधन बदलते हैं तो कभी चेहरा बदल जाते हैं। लेकिन इस बार NDA (नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस) ने साफ़ कर दिया है कि मुख्यमंत्री (CM) चेहरे को लेकर कोई उलझन बाकी नहीं है। तेजस्वी यादव की बयानबाजी का NDA लीडर्स सम्राट चौधरी और चिराग पासवान ने ऐसा दो टूक जवाब दिया कि सारा सस्पेंस खत्म हो गया।
तेजस्वी यादव का बयान बना पॉलिटिक्स की आग
तेजस्वी यादव ने हाल ही में एक बयान देकर माहौल गरमा दिया था। उन्होंने कहा था कि NDA में अभी तक तय नहीं हो पाया है कि मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा। इस बयान के पीछे उनका मकसद था जनता के बीच भ्रम फैलाना कि NDA में एकता नहीं है। लेकिन यह बयान NDA लीडर्स के लिए चुनौती से कम नहीं था।
सम्राट चौधरी का कड़ा जवाब: “हमारे नेता तय हैं”
भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने तेज यादव के बयान पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “NDA में नेतृत्व को लेकर कोई मतभेद नहीं है। हम सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एकजुट हैं और बिहार में जो फैसला होगा, वो सामूहिक रूप से होगा। यह बयान विपक्ष को स्पष्ट संदेश देता है कि NDA में नेतृत्व और दिशा दोनों स्पष्ट हैं।
चिराग पासवान ने भी दिया दो टूक जवाब
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी तेज यादव पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव को पहले अपने गठबंधन की स्थिति देखनी चाहिए। हमारे यहां किसी तरह का विवाद नहीं है।” चिराग के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि NDA की आंतरिक एकता मजबूत है और विपक्ष को यहां कोई “दरार” नहीं दिख रही।
NDA के अंदर एकता का संदेश
तेजस्वी यादव यह साबित करना चाहते थे कि NDA के अंदर CM चेहरा को लेकर खींचतान है। लेकिन सम्राट चौधरी और चिराग के एकजुट बयानों ने विपक्ष की इस रणनीति को नाकाम कर दिया। इन बयानों ने साफ़ कर दिया कि NDA का ध्यान बाकी विकास और जनता के मुद्दों पर है।
BJP और LJP(R) की समझदारी भरी साझेदारी
पिछले कुछ महीनों से बिहार की राजनीति में भाजपा और LJP(R) के संबंधों को लेकर कई चर्चाएँ हुई थीं। लेकिन दोनों नेताओं ने एक मंच से यह संकेत दिया कि 2025 के विधानसभा चुनाव में NDA मिलकर चुनाव लड़ेगा। चिराग पासवान और सम्राट चौधरी के बीच तालमेल इस बात का सबूत है कि NDA अपनी रणनीति को बहुत सावधानियों से आगे बढ़ा रहा है।
2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज़
NDA के नेताओं के बयान के बाद अब यह साफ़ हो गया है कि पार्टी गठबंधन 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में पूरी तरह से जीत चुका है। भाजपा अपने संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत कर रही है, वहीं LJP और समर्थकों को भी क्षेत्रीय समर्थन को दबाने में लगी हैं। इस एकजुटता का सीधा असर चुनावी समीकरणों पर पड़ सकता है।
तेजस्वी यादव के लिए चुनौती भरा दौर
तेजस्वी यादव, जो विपक्ष के प्रमुख चेहरे हैं, अब NDA की इस एकता से थोड़ा असहज दिख रहे हैं। उनकी कोशिश थी NDA में असमंजस का माहौल दिखाना, लेकिन यह कोशिश उलटा पड़ गया। अब तेजस्वी को अपनी रणनीति पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है ताकि जनता के बीच वह मजबूत विकल्प के रूप में बने रहें।
नीतीश कुमार की भूमिका पर सवाल खत्म
पिछले कुछ समय से बिहार की राजनीति में यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या नीतीश कुमार NDA में CM चेहरा होंगे या नहीं। लेकिन NDA नेताओं के बचे बयानों से यह भी संकेत मिल रहा है कि फिलहाल इस विषय पर कोई विवाद नहीं है। पार्टी गठबंधन ने नीतीश कुमार के अनुभव और प्रशासनिक क्षमता को भी सम्मान दिया है।
जनता का भरोसा ही NDA की असली ताकत
बिहार में जनता का झुकाव किस ओर है, इसके इरादे आने वाले महीनों में सर्वे और जनसभाओं से लगेंगे। लेकिन NDA का यह संदेश कि “हम एकजुट हैं” जनता के बीच पॉजिटिव इमेज बना रहा है। लोगों को यह महसूस हो रहा है कि NDA के पास स्थिर नेतृत्व और ठोस योजना है।
निष्कर्ष: तेजस्वी को मिला करारा जवाब, NDA हुई और मजबूत
इस पूरे घटनाक्रम का निचोड़ यही है कि तेजस्वी यादव के बयान से पैदा हुई बहस को NDA नेताओं ने तुरंत ठंडा कर दिया। सम्राट चौधरी और चिराग पासवान के बयानों ने विपक्ष को साफ संकेत दिया कि NDA में कोई फूट नहीं है। बल्कि यह विवाद NDA की एकता को और मजबूत करने का कारण बन गया है।





