Jaiswalका धमाकेदार 173 रन, साई सुदर्शन ने दिया बेहतरीन साथ

By: Daksh Kanojia

On: Friday, October 10, 2025 12:27 PM

Jaiswalका धमाकेदार 173 रन, साई सुदर्शन ने दिया बेहतरीन साथ
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Jaiswalका धमाकेदार 173 रन, साई सुदर्शन ने दिया बेहतरीन साथ दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन का पूरा खेल भारतीय बल्लेबाज़ों के नाम रहा। कप्तान शुभमन गिल ने लगातार छह बार टॉस हारने के बाद आखिरकार सातवीं बार सिक्का अपने पक्ष में गिराया, और उस एक फैसले ने भारत को दिन का पूरा नियंत्रण दे दिया। भारत ने दिन का खेल 2 विकेट पर 318 रन बनाकर समाप्त किया — और इस स्कोर के केंद्र में थे दो युवा बल्लेबाज़ — यशस्वी जयसवाल और बी साई सुदर्शन

यशस्वी जयसवाल – युवा उम्र में लोहा मनवाने वाला बल्लेबाज़

यशस्वी जयसवाल ने अपने करियर की सातवीं टेस्ट सेंचुरी ठोककर यह साबित कर दिया कि वह आज के समय के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट ओपनर्स में से एक हैं। इस शतक के साथ ही उन्होंने 24 साल से कम उम्र में ओपनर के तौर पर सबसे ज़्यादा शतक लगाने वाले ग्रेम स्मिथ की बराबरी कर ली है। उनसे आगे अब सिर्फ सचिन तेंदुलकर हैं, जिन्होंने 24वें जन्मदिन से पहले सबसे ज़्यादा शतक जमाए थे।

इतना ही नहीं — जयसवाल ने अपने सात में से पाँच शतक 150 से ज़्यादा के स्कोर में तब्दील किए हैं। यह आँकड़ा दर्शाता है कि यह खिलाड़ी सिर्फ शुरुआत नहीं करता, बल्कि पारी को “बड़ी पारी” में बदलने की कला भी जानता है। 24 साल की उम्र से पहले 150+ रन वाली पारी खेलने वालों में उनसे आगे सिर्फ सर डॉन ब्रैडमैन हैं — यह अपने आप में बताता है कि जयसवाल किस स्तर की बल्लेबाज़ी कर रहे हैं।

शुरुआती सावधानी, फिर करारा प्रहार

पहले घंटे में जयसवाल ने बेहद सतर्कता से शुरुआत की। वेस्टइंडीज़ के तीनों तेज़ गेंदबाज़ — सील्स, अल्ज़ारी जोसेफ और होल्डर — कसी हुई लाइन-लेंथ पर गेंदबाज़ी कर रहे थे। लेकिन जैसे ही उन्होंने कुछ ढीली गेंदें फेंकीं, जयसवाल ने किसी भी मौके को हाथ से नहीं जाने दिया।

पहले उन्होंने अपनी इनिंग को 10 (35 गेंदों) से 40 (78 गेंदों) तक तेज़ी से पहुँचाया। फिर धीरे-धीरे स्पिनर्स को समझते हुए एक-एक रन चुराए और जब मौका मिला तो ग़लत गेंदों को सीमा पार भेज दिया। वह बमुश्किल कोई जोखिम भरा शॉट खेल रहे थे — पूरा ध्यान था स्ट्राइक रोटेट करने पर।

उनकी बल्लेबाज़ी का सबसे बड़ा गुण था “स्थिति को पढ़ने की क्षमता” — जहाँ ढीली गेंद मिली, वहाँ उन्होंने अटैक किया; जहाँ गेंद टर्न हो रही थी, वहाँ सिर्फ डिफेंस से काम लिया। यही वजह थी कि जब वह 93 पर थे, तब तक उन्होंने फास्ट बॉलर्स की छह फुल-लेंथ गेंदों को चौके में बदला, चार शॉर्ट गेंदों को सीमारेखा पार पहुंचाया, लेकिन गुड लेंथ गेंदों पर एक भी चौका नहीं मारा — यानी पूरी योजना के साथ बल्लेबाज़ी की।

साई सुदर्शन – भरोसेमंद नंबर 3 की तलाश में भारत को मिला जवाब

भारत की टीम लंबे समय से नंबर 3 पोज़िशन पर स्थायी खिलाड़ी खोज रही है। चेतेश्वर पुजारा के बाद यह जगह खाली सी लगती थी। ऐसे में बी साई सुदर्शन का चयन थोड़ा चौंकाने वाला था, क्योंकि उनका फर्स्ट-क्लास औसत 40 से कम है। लेकिन उन्होंने दिल्ली टेस्ट की पारी में अपने चयन को सही साबित किया।

जब के.एल. राहुल (38) वॉरिकन की शानदार गेंद पर स्टंप हो गए, तब भारत का स्कोर सिर्फ 61 रन था। उस वक्त सुदर्शन ने क्रीज़ पर कदम रखा और जयसवाल के साथ मिलकर 197 रन की साझेदारी निभाई — जो इस पारी की रीढ़ साबित हुई।

उन्होंने अपनी पहली 58 रन की पारी तक एक भी खतरनाक शॉट नहीं खेला, और जब पहली बार थोड़ा गलत टाइम किया, तो कैच छूट गया। इसके बाद उन्होंने और भी धैर्य दिखाया। उनका 165 गेंदों में खेला गया 87 रन का योगदान शायद शतक में नहीं बदला, लेकिन यह उनके आत्मविश्वास और तकनीक का बेहतरीन उदाहरण था।

वेस्टइंडीज़ गेंदबाज़ों का अनुशासन और चूक

अगर स्कोरबोर्ड पर नज़र डालें तो 318/2 देखकर लगेगा कि वेस्टइंडीज़ ने खराब गेंदबाज़ी की। लेकिन ऐसा नहीं था — पहले और आखिरी सत्र में उन्होंने काफ़ी अनुशासित गेंदबाज़ी की। पूरे दिन उन्होंने एक भी एक्स्ट्रा रन (नो बॉल, वाइड) नहीं दिया, जो उनकी सटीकता को दर्शाता है।

हालाँकि, दूसरे सत्र में उनकी सारी लय टूट गई। दोपहर के बाद भारत ने बिना कोई विकेट गंवाए 126 रन ठोक डाले। यह वही समय था जब जयसवाल और सुदर्शन ने खेल को अपने कब्जे में ले लिया।

जयडन सील्स और अल्ज़ारी जोसेफ की गेंदें बार-बार या तो ज़्यादा फुल हो रही थीं या फिर शॉर्ट, और दोनों बल्लेबाज़ इन पर पूरी तरह हावी थे। दूसरी ओर, स्पिनर खैरी पियरे और वॉरिकन को भी बल्लेबाज़ों ने पढ़ लिया था।

राहुल की पारी और जल्दी अंत

के.एल. राहुल ने भी शुरुआत अच्छी की थी। उन्होंने पियरे की गेंद पर छक्का लगाकर यह जताया कि वह आत्मविश्वास में हैं। लेकिन जैसे ही उन्होंने वॉरिकन के खिलाफ एक और बड़ा शॉट खेलने की कोशिश की, गेंद हवा में लहराई और उनके हाथों से विकेट निकल गया। 8.4 डिग्री टर्न लेने वाली गेंद ने उन्हें पूरी तरह चकित कर दिया।

दूसरे सत्र में रन बरसे – जयसवाल और सुदर्शन का शो

दूसरे सत्र में भारतीय बल्लेबाज़ों ने मैच की दिशा बदल दी। पहले घंटे में लगभग हर ओवर में एक चौका देखने को मिला। जयसवाल और सुदर्शन दोनों ने मिलकर तेज़ गेंदबाज़ों की लय बिगाड़ दी।

सुदर्शन को भी कुछ गिफ्ट गेंदें मिलीं — जैसे फुल टॉस और आधी लंबाई की गेंदें — जिन पर उन्होंने आत्मविश्वास से बाउंड्री लगाई। इस बीच, उन्होंने शानदार बैकफुट पंच भी खेले, जो अंततः उनकी आउट होने की वजह बने।

तीसरा सत्र – संयम और फिर आखिरी झटका

टी ब्रेक के बाद वेस्टइंडीज़ के गेंदबाज़ थोड़ा बेहतर लौटे। जयडन सील्स ने 4 ओवर में सिर्फ 6 रन दिए, और गेंद रिवर्स स्विंग होने लगी। लगभग 9 ओवर तक बल्लेबाज़ों को खुलकर रन बनाने का मौका नहीं मिला।

फिर भी, एक ओवर में पियरे ने पांच आसान सिंगल दे डाले, और दबाव टूट गया।
हालाँकि, वॉरिकन ने अपनी चतुराई से सुदर्शन को फँसा लिया। उन्होंने फ्लैट और फुल गेंद फेंकी जो सामान्य से ज़्यादा 6.4 डिग्री टर्न हुई। सुदर्शन बैकफुट पर चले गए, और गेंद उनके पैड्स से टकराई — सीधी LBW अपील, और फैसला उनके खिलाफ गया।

जयसवाल का अडिग संकल्प और कप्तान गिल की शांत पारी

सुदर्शन के आउट होने के बाद जयसवाल के साथ कप्तान शुभमन गिल क्रीज़ पर आए। दोनों ने मिलकर टीम को बिना और नुकसान के दिन का खेल समाप्त कराया। जयसवाल ने 253 गेंदों में नाबाद 173 रन बनाए, जबकि गिल ने 44 गेंदों में सावधानीपूर्वक बल्लेबाज़ी की।

दिन के आखिरी 44 गेंदों में कोई चौका नहीं लगा — लेकिन यह वही टेस्ट मैच की खूबसूरती थी, जहाँ धैर्य और तकनीक दोनों का संतुलन देखने को मिला। अंत में जयसवाल ने 87वें और 88वें ओवर में 17 रन बटोरकर दिन का अंत शानदार अंदाज़ में किया।

आंकड़ों में झाँकें तो –

  • भारत: 318/2 (90 ओवर)
  • यशस्वी जयसवाल: 173 (253 गेंदें)*
  • बी साई सुदर्शन: 87 (165 गेंदें)
  • के.एल. राहुल: 38 (54 गेंदें)
  • शुभमन गिल: नाबाद
  • साझेदारी: जयसवाल-सुदर्शन (197 रन)
  • वॉरिकन: 2 विकेट

निष्कर्ष

पहले दिन के अंत तक भारत ने यह साफ़ कर दिया कि यह मुकाबला एकतरफ़ा जा सकता है।
वेस्टइंडीज़ को वापसी के लिए चमत्कार की ज़रूरत होगी, जबकि भारत के पास अब जयसवाल के रूप में एक ऐसा बल्लेबाज़ है जो हर बार बड़ा स्कोर बनाने की भूख रखता है।

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