‘लालू के जैसा Corruption कोई नहीं कर सकता…’, CM रेखा गुप्ता हुईं हमलावर

By: Rebecca

On: Tuesday, November 4, 2025 4:24 AM

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जब भी भारतीय राजनीति में भ्रष्टाचार की बात आती है, तो कुछ नाम अपने आप चर्चा में आ जाते हैं। ऐसा ही एक नाम है—लालू प्रसाद यादव। लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है। हाल ही में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक बयान देकर राजनीतिक गलियारों में भूचाल मचा दिया। उन्होंने कहा—”लालू जैसा Corruption कोई नहीं कर सकता…”। उनके इस बयान ने न केवल विपक्ष को सक्रिय कर दिया, बल्कि जनता के बीच भी नई चर्चा शुरू कर दी है।

रेखा गुप्ता का तीखा बयान – भ्रष्टाचार पर सीधा वार

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में एक जनसभा में कहा कि “लालू यादव ने जिस स्तर पर भ्रष्टाचार किया, उसकी मिसाल देश में कहीं नहीं मिलती।” यह बयान उन्होंने किसी निजी साक्षात्कार या ट्वीट में नहीं, बल्कि खुले मंच से जनता के सामने दिया। उनके स्वर में न केवल आक्रोश था बल्कि उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी सरकार ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाए हुए है।

राजनीतिक मंच से निकला बयान, बना सुर्खियों का केंद्र

जैसे ही यह बयान सामने आया, मीडिया चैनल्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह चर्चा का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया। ट्विटर (अब X), फेसबुक और यूट्यूब पर #RekhaGuptaVsLalu ट्रेंड करने लगा। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि रेखा गुप्ता का यह बयान चुनावी रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है, क्योंकि इससे वह अपने समर्थक वर्ग को यह संदेश देना चाहती हैं कि उनकी सरकार पारदर्शिता पर अडिग है।

लालू यादव – राजनीति में ‘भ्रष्टाचार’ का पर्याय?

लालू प्रसाद यादव भारतीय राजनीति के एक ऐसे नेता रहे हैं जिनका नाम लोकप्रियता और विवाद दोनों से जुड़ा रहा है।
‘चारा घोटाला’ और अन्य मामलों में सजा पाने के बाद से ही वे भ्रष्टाचार के प्रतीक माने जाते हैं। रेखा गुप्ता का यह बयान इसलिए भी असरदार रहा क्योंकि उन्होंने सीधे तौर पर उसी नाम को निशाने पर लिया जिसे भारत में भ्रष्टाचार की चर्चाओं का पर्याय माना जाता है।

विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया – ‘राजनीति में मर्यादा होनी चाहिए’

रेखा गुप्ता के बयान पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। लालू यादव की पार्टी ने कहा कि “मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को अपने शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए।” कारोबारी नेताओं का कहना है कि इस तरह के बयानों से जनता का ध्यान असली मकसद से भटकाने के लिए नीचे दिए गए हैं। हालाँकि, समर्थक पक्ष का तर्क यह है कि मुख्यमंत्री ने केवल सत्यता का दावा किया है।

जनता की प्रतिक्रिया – सोशल मीडिया पर बंटी राय

इस कथन के बाद जनता की राय को भी दो श्रेणियों में बाँट दिया गया। कुछ लोगों का कहना है कि गुप्ता के खिलाफ रेखा ने कहा कि वह सच्चाई है और गरीबों के शब्दों का रहस्य दिखाती है। वहीं, दूसरी तरफ कुछ लोगों ने इस पर अभद्र टिप्पणी की और कहा कि इस तरह की बातें राजनीतिक गरिमा को बताती हैं। सोशल मीडिया पर भी कई मीम्स और अनाउंस पोस्ट वायरल हुए।

यह कथन चुनावी रणनीति का क्या हिस्सा है?

राजनीतिक विशेषज्ञ का मानना है कि गुप्ता रेखा का यह कथन केवल सादृश्य नहीं, बल्कि अधिनायक भी है। राज्य में आने वाले चुनावों को देखते हुए उन्होंने यह संदेश दिया कि उनकी सरकार मुक्ति-शासन की दिशा में काम कर रही है। इतिहास बताता है कि समर्थक-विरोधी संतृप्ति हमेशा से जनता को एकजुट कर रही है, और शायद यही कारण है कि उन्होंने वामपंथी यादव का उदाहरण दिया है।

वामपंथी यादव का जवाब- ‘जिन्हें खुद आईना देखना चाहिए, वो मुझे दोष दे रहे हैं’

इस कथन के कुछ घंटे बाद ही बुद्ध यादव की ओर से भी उत्तर आया।उन्होंने कहा, “जिन लोगों की अपनी सरकार में मूर्ति की गंध आती है, उन्हें छड़ी पर उंगली उठाने से पहले अपनी मूर्ति में झांकना चाहिए।”उनके इस जवाब ने एक बार फिर पूरे विवाद को जन्म दिया है। अब यह केवल बयानबाजी नहीं है, बल्कि राजनीतिक मैराथन का रूप ले लिया है।

मीडिया की भूमिका – बहस का नया केंद्र

मीडिया चैनल्स ने दी ये बात डिबेट शो में दोनों स्टार्स के नेता नजर आए। कई चैनलों ने इसे “रेखा गुप्ता बनाम वामपंथी यादव” नाम दिया। वहीं कुछ सुपरस्टार ने कहा कि यह विवाद है कि भारतीय राजनीति में गरीबों का अभी भी सबसे लचीला हथियार है।

समाजवादी बनाम विकास – जनता किसे चुनेगी?

इस विवाद का बड़ा सवाल यही है कि जनता के मन में क्या चल रहा है। क्या जनता इन आरोपों-प्रत्यारोपों में उलझेगी या फिर विकास के मंत्रों पर ध्यान देगी? रेखा गुप्ता ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाकर यह ज़रूर साफ़ कर दिया कि उनकी सरकार इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगी। लेकिन क्या जनता इसे गंभीरता से लेगी या इसे सिर्फ एक ‘राजनीतिक बयान’ मानेगी, यह आने वाला वक्त बताएगा।

निष्कर्ष – बयान जिसने राजनीतिक बहस को फिर से ज़िंदा कर दिया

CM रेखा गुप्ता का बयान “लालू जैसा भ्रष्टाचार कोई नहीं कर सकता…” सिर्फ एक टिप्पणी नहीं, बल्कि राजनीति में गहराई तक फैले भ्रष्टाचार की ओर एक इशारा है। इस बयान ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि आखिर कब तक राजनीति में ‘ईमानदारी बनाम भ्रष्टाचार’ की लड़ाई चलती रहेगी। रेखा गुप्ता ने अपनी बात कह दी है, अब जनता और विपक्ष दोनों की नज़र इस बात पर है कि क्या वह अपने शब्दों को कामों में बदल पाती हैं या नहीं।

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