India and South Africa के बीच महिला वर्ल्ड कप 2025 का रोमांचक मुकाबला विशाखापट्टनम के डॉक्टर वाई.एस. राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए स्टेडियम में खेला जा रहा है। हालांकि यह मुकाबला भारतीय टीम के लिए अब तक कुछ खास नहीं रहा है। टॉस साउथ अफ्रीका ने जीता और पहले गेंदबाजी का फैसला किया — और उनका यह निर्णय पूरी तरह सही साबित होता दिख रहा है। भारत की पारी फिलहाल 27.1 ओवर में 104 रन पर 6 विकेट खोकर संघर्ष कर रही है।
बारिश के कारण मैदान गीला होने से मैच एक घंटे देर से शुरू हुआ। लेकिन जैसे ही खेल शुरू हुआ, साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों ने अपनी सटीक लाइन और लेंथ से भारतीय बल्लेबाजों को जकड़ लिया। भारतीय बल्लेबाज रन जुटाने के लिए जूझते नजर आए और एक के बाद एक विकेट गिरते रहे।
शुरुआत से ही मुश्किल में फंसी भारतीय टीम
पहली ही गेंद से यह साफ नजर आ रहा था कि पिच गेंदबाजों की मदद कर रही है। साउथ अफ्रीका की तेज और स्पिन गेंदबाजी ने मिलकर भारतीय टॉप ऑर्डर को पूरी तरह हिला दिया।
स्मृति मंधाना और प्रतिका रावल ने कुछ हद तक पारी को संभालने की कोशिश की, लेकिन दूसरे छोर से विकेट गिरते रहे। स्मृति ने 32 गेंदों में 23 रन बनाए, जिसमें एक चौका और एक शानदार छक्का शामिल था। उनके इस पारी के दौरान एक ऐतिहासिक उपलब्धि भी दर्ज हुई — स्मृति मंधाना ने बेलिंडा क्लार्क का रिकॉर्ड तोड़ते हुए महिला वनडे क्रिकेट में एक कैलेंडर वर्ष में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी बन गईं। यह भारत के लिए गर्व का पल जरूर रहा, लेकिन टीम की मौजूदा स्थिति इस खुशी को दबा रही है।
प्रतिका रावल ने धैर्य के साथ बल्लेबाजी की और 56 गेंदों पर 37 रन बनाए, जिसमें 5 चौके शामिल रहे। लेकिन जब वह सेट नजर आ रही थीं, तभी तूमी सेखुखुने ने उन्हें चलता कर दिया।
साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों का जलवा
साउथ अफ्रीका की गेंदबाजी की बात करें तो हर गेंदबाज ने अपना योगदान दिया। सबसे प्रभावशाली रहीं क्लोई ट्रायन और नॉनकुलुलेको म्लाबा, जिन्होंने भारतीय बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का कोई मौका नहीं दिया।
- नॉनकुलुलेको म्लाबा ने स्मृति मंधाना और हरलीन देओल के महत्वपूर्ण विकेट झटके। म्लाबा की लेफ्ट-आर्म स्पिन ने भारतीय बल्लेबाजों को बांध दिया।
- क्लोई ट्रायन ने मात्र 4 ओवर में 2 विकेट लेकर भारतीय मिडिल ऑर्डर की कमर तोड़ दी। उन्होंने कप्तान हरमनप्रीत कौर (9 रन) और जेमिमा रोड्रिग्स को बेहद सस्ते में आउट किया।
- मरिज़ाने कैप ने अपनी सटीक गेंदबाजी जारी रखते हुए 6.1 ओवर में 29 रन देकर 1 विकेट लिया।
- वहीं तूमी सेखुखुने ने प्रतिका रावल को आउट करके भारत की आखिरी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों की लाइन और लेंथ इतनी सटीक रही कि भारतीय बल्लेबाज रन बनाने के लिए तरसते रहे। भारतीय पारी में केवल 2 चौके और 1 छक्का ही दर्ज हो पाया, जो टीम की जूझती हुई स्थिति को दर्शाता है।

भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन
- स्मृति मंधाना – 23 रन (32 गेंद, 1 चौका, 1 छक्का)
- मंधाना ने शुरुआत में थोड़ी लय पकड़ी, लेकिन म्लाबा की फिरकी ने उन्हें चकमा दे दिया। हालांकि उनके नाम आज एक बड़ा रिकॉर्ड जुड़ गया — महिलाओं के वनडे में एक कैलेंडर वर्ष में सबसे अधिक रन बनाने वाली खिलाड़ी बनने का गौरव।
- प्रतिका रावल – 37 रन (56 गेंद, 5 चौके)
- प्रतिका ने सबसे स्थिर पारी खेली। उन्होंने जिम्मेदारी से बल्लेबाजी की, लेकिन साझेदारी को लंबा नहीं खींच पाईं।
- हरलीन देओल – 5 रन (9 गेंद)
- तेज शुरुआत के चक्कर में वह जल्दी आउट हो गईं।
- हरमनप्रीत कौर (कप्तान) – 9 रन (24 गेंद)
- कप्तान होने के नाते उन पर टीम को संभालने की जिम्मेदारी थी, लेकिन क्लोई ट्रायन की गेंद पर वह चकमा खा बैठीं।
- दीप्ति शर्मा – 4 रन (14 गेंद)
- इस टूर्नामेंट में अब तक सर्वाधिक 6 विकेट लेने वाली दीप्ति का बल्ला आज खामोश रहा।
- अमंजोत कौर – 2 रन (10 गेंद)
- कुछ देर तक विकेट पर डटी रहीं लेकिन रन नहीं बना सकीं।
- ऋचा घोष – 0 रन (1 गेंद)
- बिना खाता खोले पहली गेंद पर पवेलियन लौट गईं।
साउथ अफ्रीका की रणनीति: स्पिन + अनुशासन
साउथ अफ्रीकी कप्तान ने बहुत ही चतुर रणनीति अपनाई। उन्होंने पहले ओवरों में तेज गेंदबाजों से शुरुआत करवाई ताकि भारतीय बल्लेबाजों को उछाल और स्विंग से परेशान किया जा सके। इसके बाद उन्होंने म्लाबा और ट्रायन जैसी स्पिनर्स को लाकर पिच का भरपूर फायदा उठाया।
उनकी गेंदबाजी इतनी नियंत्रित थी कि भारत ने अपने पहले 100 रन बनाने में 26 ओवर से ज्यादा लगा दिए। हर ओवर में दबाव बढ़ता गया और रन न आने की हताशा में बल्लेबाज गलत शॉट खेलते चले गए।
दीप्ति शर्मा का अब तक का टूर्नामेंट प्रदर्शन
हालांकि आज दीप्ति शर्मा का बल्ला नहीं चला, लेकिन यह ध्यान देने योग्य है कि वह इस वर्ल्ड कप की सबसे सफल गेंदबाजों में से एक हैं। उन्होंने अब तक सिर्फ दो मैचों में 6 विकेट चटकाए हैं और भारत के लिए गेंदबाजी में मुख्य भूमिका निभा रही हैं। उम्मीद है कि जब भारत गेंदबाजी करेगा, तो दीप्ति एक बार फिर टीम को वापसी का मौका दिलाने की कोशिश करेंगी।
🇮🇳 आगे क्या उम्मीदें हैं?
भारत की पारी अब निचले क्रम पर टिकी हुई है। अगर पूनम यादव या स्नेह राणा जैसी खिलाड़ी कुछ साझेदारी कर पाती हैं तो टीम 180-190 रन तक पहुंच सकती है, जो इस पिच पर लड़ने लायक स्कोर होगा।
लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह साफ है कि भारत को चमत्कारिक पारी की जरूरत है। बल्लेबाजी में जो गलतियां हुई हैं, उन्हें गेंदबाजी में नहीं दोहराना होगा।
मैच की मौजूदा स्थिति का सारांश
| घटक | विवरण |
|---|---|
| मैच | भारत महिला बनाम साउथ अफ्रीका महिला |
| स्थान | डॉ. वाई.एस. राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए स्टेडियम, विशाखापट्टनम |
| टॉस | साउथ अफ्रीका ने जीता और पहले गेंदबाजी चुनी |
| भारत का स्कोर | 104/6 (27.1 ओवर) |
| प्रमुख बल्लेबाज | प्रतिका रावल (37), स्मृति मंधाना (23) |
| प्रमुख गेंदबाज | क्लोई ट्रायन (2/6), म्लाबा (2 विकेट), कैप (1 विकेट), सेखुखुने (1 विकेट) |
नतीजे का अंदाजा
हालांकि क्रिकेट में कुछ भी हो सकता है, लेकिन मौजूदा स्थिति में साउथ अफ्रीका इस मैच में मजबूत स्थिति में है। भारतीय बल्लेबाजों की विफलता ने टीम को मुश्किल में डाल दिया है। अब सारी उम्मीदें गेंदबाजों पर टिकी हैं कि वे साउथ अफ्रीका को जल्द आउट कर भारत को मुकाबले में बनाए रखें।
अगर भारत को इस मैच से पॉइंट्स बचाने हैं, तो उन्हें सटीक लाइन, रणनीतिक फील्डिंग और शुरुआती विकेट लेने होंगे।
निष्कर्ष
भारत महिला टीम के लिए यह मैच एक चेतावनी की तरह है कि बड़े टूर्नामेंट में केवल प्रतिभा नहीं, बल्कि संयम और रणनीति भी उतनी ही जरूरी होती है। स्मृति मंधाना का रिकॉर्ड सराहनीय है, लेकिन क्रिकेट टीम खेल है — और अकेली एक बल्लेबाज जीत नहीं दिला सकती।





